सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देते हुए कहा कि इस आधार पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आरोपी ने सीआरपीसी की धारा 482, या संविधान के अनुच्छेद 226 या अनुच्छेद 32 के तहत एफआरआई/चार्जशीट को रद्द करने के लिए आवेदन दायर नहीं किया है । शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि ऐसी स्थिति को स्वीकार किया जाए तो कोई भी जमानत याचिका तब तक स्वीकार नहीं की जा सकती, जब तक कि आरोपी कार्यवाही को रद्द करने के लिए आवेदन दायर नहीं करता है।